मनोकामना पूर्ति हेतु रामचरितमानस के कुछ सिद्ध मंत्र
रामचरितमानस अपने आप मे एक सिद्ध ग्रन्थ है | जिसके पीछे संत शिरोमणि तुलसीदास जी का तप है | रामचरितमानस का मनन व श्रवण अपने आप में एक सुखद अनुभव है और जीवन जीने की कला सिखाता है | मानस की हर एक वाक्य सिद्ध मंत्र है | प्रस्तुत लेख में मानस के कुछ मंत्र जीवन को सरल बनाने व जीवन में उन्नति हेतु दिए जा रहे है |
२८ सितम्बर २०११ से नवरात्र प्रारंभ हो रहे है | इन मंत्रों को नवरात्रों में प्रारंभ करे और अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाये | नवरात्रों में देवी, शक्ति, भगवान राम, हनुमान जी व अपने ईस्ट की उपासना का विशेष महत्व है | ये मंत्र सरल बोलचाल की भाषा में है और प्रक्रिया में किसी कमी से कोई भी नुकसान नहीं होता | इन मंत्रों को शाबर मंत्रों की श्रेणी में ले सकते है |
विद्या प्राप्ति का मंत्र
गुरु गृह गए पढ़न रघुराई ।
अल्प काल विद्या सब आई ॥
अल्प काल विद्या सब आई ॥
नौकरी अथवा साक्षात्कार के लिए मंत्र
इस मंत्र को शुक्ल पक्ष के सोमवार से अमृत या लाभ के चौघडिये से शुरू करें एवं सवा लाख मंत्रों का जाप करें।
विश्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई ।
गई बहोर गरीब नेवाजू , सरल सबल साहिब रघुराजू ॥
विश्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई ।
गई बहोर गरीब नेवाजू , सरल सबल साहिब रघुराजू ॥
शीघ्र विवाह के लिए मंत्र
शीघ्र विवाह के लिए इस मंत्र का जाप पुष्य नक्षत्र में प्रारम्भ करें। प्रातः काल और सायं काल तुलसी के पास बैठ कर घी का दीपक जलाकर निम्न मंत्र की एक माला करे। ४१ दिनों में सफलता मिल सकती है।
तव जनक पाय वसिष्ठ आय सु ब्याह साजी संवारी के ।
मांडवी श्रुति की रति उरमिला कुंअरी लई हंकारी के ॥
तव जनक पाय वसिष्ठ आय सु ब्याह साजी संवारी के ।
मांडवी श्रुति की रति उरमिला कुंअरी लई हंकारी के ॥
शीघ्र विवाह के लिए एक और मंत्र
तुलसी की माला से रामचरित मानस की निम्न चौपाई का १०८ बार नित्य पाठ करना शीघ्र विवाह के लिए दिव्य प्रयोग है। राम सीता की फोटो सामने रखें।
सुनि सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तिहारी ॥
सुनि सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तिहारी ॥
धन प्राप्ति साधना
जिमी सरिता सागर महूँ जाही , यद्यपि ताहि कामना नाही ।
तिमि सुख सम्पति बिनहि बोलाए , धरम सील पहँ जाही सुभाए ॥
प्रति दिन प्रातः काल इस मंत्र का १०८ बार जप करें। इससे धन की प्राप्ति होती है।
तिमि सुख सम्पति बिनहि बोलाए , धरम सील पहँ जाही सुभाए ॥
प्रति दिन प्रातः काल इस मंत्र का १०८ बार जप करें। इससे धन की प्राप्ति होती है।
यात्रा की सफलता का मंत्र
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा।
ह्रदय राखि कौशलपुर राजा ॥
१०००० बार जपकर इस मंत्र को सिद्ध करले। जब भी यात्रा पर जाए, थोडे जल को इस मंत्र से सात बार शक्तिकृत करके अपने आगे और ऊपर छिड़अकले, आप जिस उद्देश्य से यात्रा पर जायेंगे उसमे सफलता मिलेगी।
ह्रदय राखि कौशलपुर राजा ॥
१०००० बार जपकर इस मंत्र को सिद्ध करले। जब भी यात्रा पर जाए, थोडे जल को इस मंत्र से सात बार शक्तिकृत करके अपने आगे और ऊपर छिड़अकले, आप जिस उद्देश्य से यात्रा पर जायेंगे उसमे सफलता मिलेगी।
संकट टालने का मंत्र
जो प्रभु दीनदयाल कहावा । आरति हरन बेद जस गावा॥
जपहि नामु जन आरत भारी। मिटहि कुसंकट होहिं सुखारी ॥
दीनदयाल बिरद सम्भारी । हरहु नाथ मम संकट भारी ॥
प्रभु राम की प्रतिमा के सामने लाल कम्बल के आसन पर रात भर इस मंत्र के जप से संकट टल जाते है।
जपहि नामु जन आरत भारी। मिटहि कुसंकट होहिं सुखारी ॥
दीनदयाल बिरद सम्भारी । हरहु नाथ मम संकट भारी ॥
प्रभु राम की प्रतिमा के सामने लाल कम्बल के आसन पर रात भर इस मंत्र के जप से संकट टल जाते है।
हनुमानजी से कार्य करवाने का मंत्र
कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नही होई तात तुम पाही॥
मंगलवार के दिन हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढा कर इस मंत्र के १०००० जप करे। इस तरह हनुमानजी को अपना कार्य कराने के लिए प्रेरित किया जाता है।
जो नही होई तात तुम पाही॥
मंगलवार के दिन हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढा कर इस मंत्र के १०००० जप करे। इस तरह हनुमानजी को अपना कार्य कराने के लिए प्रेरित किया जाता है।
भाग्य जगाने का मंत्र
मंत्र महामुनि विषय ब्याल के।
मेटत कठिन कुअंक भाल के॥
हल्दी की गांठ की माला बना करके इस मन्त्र की ग्यारह माला प्रतिदिन करने से भाग्य की विडम्ब नाओ का नाश होता है।
मेटत कठिन कुअंक भाल के॥
हल्दी की गांठ की माला बना करके इस मन्त्र की ग्यारह माला प्रतिदिन करने से भाग्य की विडम्ब नाओ का नाश होता है।
रोग मिटाने का राम मंत्र
राम कृपा नासहि सब रोगा।
जौं एही भांति बने संजोगा॥
जौं एही भांति बने संजोगा॥
मन की शान्ति के लिए राम मंत्र
राम राम कहि राम कहि। राम राम कहि राम॥
प्रभु राम की तरफ़ ध्यान केंद्रित कर नेत्र बंद करके अधिक से अधिक जप करें। इस प्रयोग को २१ दिन तक करे । तत्पश्चात इस मंत्र के प्रयोग से मन प्रभु राम में लीन हो जाता है जिससे मन को शान्ति मिलती है।
प्रभु राम की तरफ़ ध्यान केंद्रित कर नेत्र बंद करके अधिक से अधिक जप करें। इस प्रयोग को २१ दिन तक करे । तत्पश्चात इस मंत्र के प्रयोग से मन प्रभु राम में लीन हो जाता है जिससे मन को शान्ति मिलती है।
राम भक्ति भावना बढ़ाने का मंत्र
सीताराम चरण रति मोरे।
अनुदिन बढ़ाऊ अनुग्रह तोरे॥
सुबह उठने के पश्चात् इस मंत्र को १०८ पढ़ना चाहिए। इस मंत्र से श्री राम जानकी के प्रति भक्ति भावना बढ़ती है
अनुदिन बढ़ाऊ अनुग्रह तोरे॥
सुबह उठने के पश्चात् इस मंत्र को १०८ पढ़ना चाहिए। इस मंत्र से श्री राम जानकी के प्रति भक्ति भावना बढ़ती है
श्री जानकी जी के दर्शन के लिए
जनकसुता जग जननि जानकी ।
अतिसय प्रिय करुनानिधान की॥
श्री सीताराम दर्शन के लिए
नील सरोरुह नील मणि, नील नीलधर श्याम ।
लाजही तन शोभा निरखि कोटि कोटि सत काम ॥
लाजही तन शोभा निरखि कोटि कोटि सत काम ॥
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