दुर्गा शप्तशती के सिद्ध मंत्र
भारतीय परम्परा मे शक्ति की उपासना का एक अलग ही महत्व है । दुर्गा शप्तशती का पठन न सिर्फ शक्ति देता है अपितु देवी माँ के प्रति श्रद्धा व आध्यात्मिक शक्ति को भी उन्नत करता है ।
हमारे जीवन की बहुत सी समस्यायों का भी हल दुर्गा सप्तशती मे प्राप्त होता है । दुर्गा सप्तशती के कुछ शक्तिशाली मंत्र नीचे दिए जा रहे है, जिन्हें हम अपनी जरूरत के अनुसार देवी माँ मे पूर्ण श्रद्धा रखते हुए अगर निरंतर करे तो निश्चित लाभ प्राप्त होता है ।
विविध उपद्रवों से बचने के लिए मां दुर्गा की आराधना इस मंत्र का जाप करते हुए करना चाहिए-
रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र |
रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र |
दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम् ||
विश्वव्यापी विपत्तियों के नाश के लिए मां दुर्गा की वंदना इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य |
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य |
प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य ||
महामारी नाश के लिए मां दुर्गा की आराधना इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी |
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी |
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते ||
स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की स्तुति इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी |
सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी |
त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः ||
पापनाश और भक्ति प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की वंदना इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे |
नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे |
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ||
प्रसन्नता प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की आराधना इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि |
प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि |
त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव ||
जीवन में आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की आराधना इस मंत्र से करना चाहिए-
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम् |
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम् |
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ||
अपने पापों को मिटाने के लिये इस मन्त्र के द्वारा मां दुर्गा की अराधना करना चाहिए-
हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत् |
हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत् |
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योनः सुतानिव ||
इस मंत्र के द्वारा विश्व के अशुभ तथा भय का विनाश करने के लिए मां दुर्गा की स्तुति करना चाहिए-
यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तमलं बलं च |
यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तमलं बलं च |
सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु ||
सामूहिक कल्याण के लिए मां दुर्गा की वंदना इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
देव्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या |
देव्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या |
तामम्बिकामखिलदेव महर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ||
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International School of Astrology and Divine Sciences, Jaipur, Rajasthan, India
kirpa karke mujhe durga path karne ka or kaise kare iska pura vivran batain
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