Friday, June 23, 2017

जन्म लग्न से जानिये अपने बारे में

जन्म लग्न से जानिये अपने बारे में

मेष - मेष लग्न में जन्म लेने वाला चुस्त-चालाक तथा चंचल नेत्रों वाला, सर्वदा रोगी, धर्म के कु  छ नियम करने वाला, कृतघ्न, राज से सम्मन-प्राप्त, स्वस्त्री-निरत तथा दान देने वाला होता है। नदी-तालाब आदि से डरने वाला और कठिन कार्य करने वाला होता है। इस पुरुष को जन्म से पहले मास में कष्ट, वर्ष 13 में अल्प, 18 में जल से कष्ट, 50 में अंग-रोग, वर्ष 60 में कठिन बीमारी, इसके पश्चात् 75 वर्ष तक जीवित रहता है। अपनी जिंदगी में उन्नति के साधनों की तरफ झगड़ा करके ही तरक्की करता है। भातृ-सुख और पितृ-सुख पूर्ण नहीं होता है। प्रत्येक कार्य को हिम्मत के साथ कर लेने वाला होता है।

वृष - वृष लग्न में जन्म लेने वाला रणधीर, बली, धनिक, तेजस्वी, दान-दाता तथा विलास के सुखों को भोगने वाला होता है। अपनी जिंदगी में अच्छे-अच्छे मित्र इसे मिलते हैं। पुत्र और विद्या दोनों उत्तम प्राप्त करता है। विलासिता के कारण पर दारा चोरी में मस्त रहता है। वर्ष 3,6,8,33,52, 6263 में अल्प भय होता है। यदि इन वर्षों में अपने जीवन को पार करे तो 85 वर्ष की आयु होती है। अपने हठ से दृढ़ रहता है। लड़ाई-झगड़े तथा मुकदमों में दिक्कतें उठाना, आराम से रहना इसके स्वाभाविक कर्म हैं।

मिथुन - मिथुन लग्न में जन्म लेने वाला चंचल नेत्र वाला, गायक, यशगान, गुणी और चतुर, श्रेष्ठ बुद्धि वाला, न्यायप्रिय और मीठा शब्द कहने वाला होता है। कष्ट महीना 6,10,11,18,24,53,63 में अल्प भय होता है। इसके पश्चात् 75 वर्ष की आयु होती है। यह स्वभाव का नरम परन्तु दिल का मजबूत होता है। जहाँ यह प्रत्येक कार्य ईमानदारी से करता है वहाँ अपने प्रत्येक भाव को दूसरे पर जाहिर भी नहीं करता। विद्या द्वारा इसे सम्मान प्राप्त होता है और प्राय: सुख-दु:ख में यह समान भाव से रहता है। संतान-सुख मध्यम और आपसी विवाद इसको हर समय घेरे रहते हैं।

कर्क - कर्क लग्न में जन्म लेने वाला शूरवीर, धनी, गुरु-सेवक, परम चतुर, पहले शरीर वाला, विदेश में रहने वाला, क्रोधी, दु:खी, श्रेष्ठ मित्रों वाला, अपने घर के मनुष्यों की अपेक्षा श्रेष्ठ बुद्धि वाला तथा तस्तक का रोगी होता है। कष्ट दिन 11 मास, 9 वर्ष1, 7, 9, 13, 16, 20, 27, 35, 45, 55, 61 में अल्प भय। इसके इसके पश्चात् 70 वर्ष की आयु होती है। यह अपनी जिन्दगी में कभी चंचलता और कभी शांत स्वभाव के कारण पहेलियों में उलझा हुआ रहता है।

सिंह - सिंह लग्न में जन्म लेने वाला क्षमा-शील, मांस-भक्षी, देश-देशांतर घूमने वाला, श्रेष्ठ मित्रों वाला, शीघ्र क्रोधित होने वाला, पिता का प्रिय, व्यसनी, प्रत्येक कार्य में चतुर और संसार में प्रसिद्ध होता है। कष्ट वर्ष 1,10,15,25,45,51,61 में अल्प भय, इसके पश्चात यह 65 वर्ष तक जीता है। यह मनुष्य अपने बल-भरोसे तथा गर्व से छोटे कार्यों की तरफ ध्यान न देकर बड़े-बड़े कामोंं को करने में सफल होता है। यह खाद्य सामग्री तथा वस्त्रादि के व्यापार से अपने जीवन में उन्नति करने वाला होता है।

कन्या - कन्या लग्न में जन्म लेने वाला विलासी, धनी, सुन्दर, चतुर, दानी, कवि, सज्जन-प्रिय, विदेश में रहने वाला तथा धर्मनिष्ठ होता है। कष्ट मास 3, वर्ष 3, 13, 26, 33, 43 में अल्प भय। इसके अनन्तर 84 वर्ष तक जीता है। यह पुरुष अपनी जिन्दगी में जहां अच्छा सम्मान प्राप्त करता है, वहाँ अनेक कोशिशें करने पर भी धन एकत्र नहीं कर पाता। उसका व्यापार आम बैंक आदि से संबंधित रहता है। इसकी पवित्र आत्मा होते हुए भी यह किसी से विशेष प्रेम नहीं करता।

तुला - तुला लग्न में जन्म जेने वाला मनुष्य दयाशील, चंचल नेत्र वाला, देव-पूजक, प्रवासी, मित्रों का प्रिय और बिना किसी कारण क्रोध करने वाला होता है। कष्ट मास 4, वर्ष 1, 4, 21, 33 41, 51, 61 में अल्प भय। इसके पश्चात् 85 वर्ष तक जीवित रहता है। यह पुरुष अपनी जिन्दगी में कभी सुखी नहीं रहता है। प्रतिदिन इसे नवीन घटनाएं पार करनी होती हैं, परन्तु मानसिक शक्ति प्रबल होने के कारण प्रत्येक समस्या को शान्तिपूर्वक एवं न्याय के द्वारा सुलझा लेता है।
 
वृश्चिक - वृश्चिक लग्न मेें जन्म लेने वाला पापी, पीले नेत्र वाला, दूसरे की स्त्री से प्रेम करने वाला, अभिमानी, अपने कुटुम्ब के लिए कठोर, माता-पिता को दु:ख देने वाला, अभिमानी, ठगी और चोरी की विद्या में निपुण और बाल्यावस्था से ही परदेश में रहने वाला होता है। कष्ट मास 2, वर्ष 3, 7, 13, 32, 35, 45 में अल्प भय। पूर्ण आयु 75 वर्ष दो माह की होती है। यह मनुष्य अपनी जिंदगी में बहादुरी से धन एकत्र करता है। ससुराल पक्ष से तथा नातेदारों और कानूनी कामों से भी यह धन प्राप्त करता है।

धनु - धनु लग्न में जन्म लेने वाला मनुष्य सत्वगुण वाला, सत्यवक्ता, शूरवीर, धनी, सुन्दर स्त्री वाला, मीठा बोलने वाला, साइंस और चित्रकला में प्रवीण और स्थूल शरीर वाला होता है। कष्ट मास 5, वर्ष 3, 9, 11, 16, 24, 36, 47, 57, 69 में अल्प भय। इसके बाद 85 वर्ष जीता है। यह मनुष्य गुप्त रहस्यों को जानने वाला, भविष्यवेत्ता, विश्वासपात्र और शांत स्वभाव का होता है। यह मनुष्य 22 साल से पहले भी विशेष सुखी नहीं रहता। इसके बाद अपने परिश्रम से धन इकट्ठा करके सुख भोगने वाला होता है।

मकर - मकर लग्न में जन्म  लेने वाला मनुष्य पंडित, संगीत-प्रिय, मातृ-भक्त, दयाशील, दानी, अधिक कुटुम्ब वाला, अपने कुल में हीन और स्त्रियों के वश में रहने वाला होता है। कष्ट मास 3 वर्ष, 1, 3, 10, 32, 43, 51, 57 में अल्प भय होता है। इसके अनन्तर 73 वर्ष तक जीवित रहता है। यह आदमी अपनी शूरवीरता, दृढ़ता और परिश्रम से बड़े से बड़े काम को करने में समर्थ होता है। जीवन के प्रत्येक रास्ते में शंका करता है, जिसके कारण दिल प्रसन्न नहीं रहता है। शत्रु भी सदा इसको दबाने की ताक में रहते हैं।

कुम्भ - कुम्भ लग्न में जन्म लेने वाला मनुष्य आलसी, दानी, हाथी-घोड़ा आदि का स्वामी, सरल स्वभाव, पुण्यवान, निडर, प्रेम से यश प्राप्त करने वाला, धन और विद्या मेें परिश्रम करने वाला और दूसरों के उपकार को मानने वाला होता है। कष्ट दिन 7, कष्ट वर्ष 1, 6, 18, 32 में अल्प भय। पूर्ण आयु 61 वर्ष की होती है। यह आदमी चंचल स्वभाव के कारण अनेक फरेबबाजियों से धन एकत्र करने तथा अपना हौसला बढ़ाने के लिए अनेक तरकीबें सोचता है, परन्तु शत्रुओं की गुप्त चालों के कारण यह किसी कार्य में सफलता प्राप्त नहीं कर पाता।


मीन - मीन लग्न में जन्म लेने वाला आदमी गंभीर, शूरवीर, लोभी, अपने वंश की वृद्धि करने वाला, देव-पूजक, संगीत में चतुर एवं अपने कुटुम्बियों से प्रेम करने वाला होता है। कष्ट वर्ष 1, 9, 18, 33, 40 में होता है। पूर्ण 61 वर्ष तक जीता है। यह आदमी जिंदगी में विशेष सम्मान प्राप्त करने वाला तथा बहुत ही सरल स्वभाव का होता है। संगीत, साहित्य, कला-कौशल की विद्वता के साथ उच्च लेखक भी होता है। यह प्रत्येक कारोबार में धन कमाने में लगा रहता है।

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