Thursday, October 19, 2017

रंगों की दुनिया और हमारा जीवन

जीन में रें रं 

भारतीय आध्यात्म के साथ-साथ मनोविज्ञान में भी सभी कलर्स को किसी न किसी भावना (फीलिंग्स) के साथ जोड़ा गया है। आम तौर पर मनोवैज्ञानिक किसी भी व्यक्ति के पसंद-नापसंद कलर के आधार पर ही उसके व्यक्तित्व का काफी हद तक अंदाजा लगा लेते हैं जो सही भी होता है। आइए हम भी जानते हैं कि कौनसा कलर क्या कहता है?

काला रंग
भारतीय समाज में काले रंग का मनहूसियत का प्रतीक माना गया है लेकिन आध्यात्म में इस रंग को पूर्णता का प्रतीक माना गया है। ऐसे लोग सख्त मिजाज वाले और कठोर प्रवृत्ति वाले होते हैं। ऐसे लोग ऊर्जा से भरपूर होते हैं और अपने आस-पास के माहौल को भी अपने ही रंग-ढ़ंग में रंग लेते हैं।

नीला रंग
भारतीय आध्यात्म में नीले रंग को दिव्य आभा का प्रतीक माना गया है। नीला रंग शांत, गहराई, समर्पण तथा एकांत परन्तु दृढ़ निश्चयी स्वभाव का प्रतिनिधि रंग है। इस रंग को फेवरेट मानने वाले लोग शांत स्वभाव के तथा एकांतप्रिय होते हैं। वे अपने लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए बड़े से बड़ी कठिनाई का भी सामना कर सकते हैं।

लाल रंग
ज्योतिष में लाल रंग को जीवन ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक माना गया है। यही कारण है कि देवताओं को भी लाल रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं। लाल रंग को पसंद करने वाले लोग खुशमिजाज, जिंदादिल होते हैं और उन्हें प्रकृति से बेहद प्रेम होता है।

गुलाबी रंग
मनोविज्ञान में गुलाबी रंग को सॉफ्ट तथा मासूमियत का प्रतीक माना गया है। शायद यही वजह है कि लड़कियों खासतौर पर छोटी बच्चियों को यह कलर बहुत ही प्रिय होता है। ऐसे लोग स्वभाव के सीधे तथा प्रकृति से लगाव रखने वाले होते हैं।

पीला रंग
पीला रंग गुरु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इस रंग को पसंद करने वाले व्यक्ति काफी हद तक तर्कशील तथा सुरुचिपूर्ण पसंद रखने वाले होते हैं। उन्हें बेवकूफ बनाना बहुत ही कठिन होता है और समय आने पर वो समाज का नेतृत्व करने की भी क्षमता रखते हैं।

हरा रंग
मनोविज्ञानियों के अनुसार हरा रंग आत्मविश्वास तथा साहस का प्रतीक है। जिन लोगों को हरा रंग प्रिय होता है, वे आकर्षक स्वभाव के धनी होते हैं और बड़ी से बड़ी चुनौती को भी चुटकी बजाते पूरा करने की सामर्थ्य रखते हैं।

केसरिया रंग
सनातन धर्म में केसरिया अथवा भगवा रंग को ईश्वर का प्रतीक माना गया है। इस रंग को साहस, बलिदान, कर्तव्यनिष्ठा तथा आत्मसम्मान से जोड़ा जाता है। ऐसे लोग स्वभाव से सरल तथा दूसरों के हितैषी होते हैं लेकिन अगर कोई इनके आत्मसम्मान को चोट पहुंचाने का प्रयास करें तो यह किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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